आज कोई मेरे देश कि मिटटी को रंग रहा है,
आज कोई मेरे देश कि मिटटी को रंग रहा है,
रंग रहा है इस सोने कि चिड़िया को ,
कोई रोको उसे वो क्या कर रहा है,
मेरे देश कि मिट्टी को आज कोई रंग रहा है,
रोको उससे , वो कालिख है उसके हाँथ में ,
अरे देशवासिओं, मेरे देश भक्तों , कहा हो साथिओं रोको उसे,
रोको उसे वो रंग देगा,
बेईमानी के रंग से, भ्रस्टाचार से, महगाई की मार से,
आतंकवाद से और जातिवाद के सैलाब से,
भूख और गरीबी के टार से,
रोको उसे वो रंग देगा,
अभी रोको… चलो,
हाँ हाँ अभी उठो , आगे बढ़ो , रोको उसे,
वो रंग देगा....
मेरे देश कि मिट्टी को वो रंग देगा....
वो हमारी आजादी को रंग देगा,
गुलामी क रंग से,
हाँ रंग देगा,
रोको उसे
रोको उसे....
नागेश कुमार दुबे
गौरवांवित भारतीय
nageshdubey.blogspot.com
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