Monday, February 3, 2014

नन्ही सी गुडिया


नन्ही सी गुडिया

नन्ही सी गुडिया की मासूम सी बातें,
शरारत मे उसकी चुलबुली सी आँखे ,

इधर उधर कर बेमतलब का रोना
और पूछने पर खिलोनो का होना ,
सभी के साथ हुरदंग मचाना ,
थक के बिना खाए ही सो जाना ,

बचपन की हलकी और बेपाक रातें  ,
सपनों में खोई आशाओ की शाखे ,

करवट बदल कर हल्का सा मुस्कुराना ,
कभी नींद में ही कुछ भी बडबडाना ,
कभी चीख कर सब को जगाना ,
जिद में लम्बी ख्वाइशें सुनना ,

हरदम खेल में लड़ते झगड़ते
जीत या हार में रोते मुस्कुराते ,

पापा के कानो में ख़बरें सुनना ,
मम्मी की शिकायत और चुगली सुनना ,
अनजाने डर से माँ की गोद में दुबकना,
और प्यार कि गोद में माँ से लिपटना,

बचपन कि रहो में  सैर सपाटे ,
तितली और जुगनू से मिलते मिलाते,

माँ के साथ रसोई में रहना ,
छोटी सी रोटी तवे पर पकाना,
वो हस कर कभी सभी को पटाना,
और रो कर भी दिल को चुराना,

नन्ही सी गुडिया और मासूम सी बातें,

शरारत मे उसकी चुलबुली सी आँखे ,

खुद में सजना और सवारना,
माँ के दुपट्टे को आँचल बनाना, 
नन्हें कदमों से गानो पर थिरकना,
और झूमते झूमते गुनगुनाना,

नन्ही सी गुडिया और मासूम सी बातें,
शरारत मे उसकी चुलबुली सी आँखे.... 


नागेश कुमार  दुबे
गौरवांवित भारतीय
http://nageshdubey.blogspot.in/









Sunday, February 2, 2014

सैनिक


सैनिक 

भय नही किसी का मुझको
स्वछंद आगे बढ रहा हुँ ,

देश की सीमाओं पर समर्पण को 
निरंतर मैं जूझ रहा हुँ ,

लाँघ रहा वो सरहद कि हद को,
मैं मोर्चे पर डटा हुआ हुँ ,

जगा के अपने आत्म बल को,
दुश्मन को ललकार रहा हुँ,

हुँ  सदा तत्पर देश कि रक्षा को,
सर्वस्व जीवन लुटा रहा हुँ ,

कर के तिलक मातृभूमि को,
तिलक स्वराज्य  का लगा रहा हुँ,

कर के स्मरण शहीदों को
नमन गान गा रहा हुँ,

मेरे वीर देश के लोगो को 
सुरक्षा का विश्वास दिला रहा हुँ ,

कर के प्रेरित जवानों को
देश प्रेम जगा रहा हुँ.


नागेश कुमार  दुबे 
गौरवांवित भारतीय
nageshdubey.blogspot.com