Sunday, February 2, 2014

सैनिक


सैनिक 

भय नही किसी का मुझको
स्वछंद आगे बढ रहा हुँ ,

देश की सीमाओं पर समर्पण को 
निरंतर मैं जूझ रहा हुँ ,

लाँघ रहा वो सरहद कि हद को,
मैं मोर्चे पर डटा हुआ हुँ ,

जगा के अपने आत्म बल को,
दुश्मन को ललकार रहा हुँ,

हुँ  सदा तत्पर देश कि रक्षा को,
सर्वस्व जीवन लुटा रहा हुँ ,

कर के तिलक मातृभूमि को,
तिलक स्वराज्य  का लगा रहा हुँ,

कर के स्मरण शहीदों को
नमन गान गा रहा हुँ,

मेरे वीर देश के लोगो को 
सुरक्षा का विश्वास दिला रहा हुँ ,

कर के प्रेरित जवानों को
देश प्रेम जगा रहा हुँ.


नागेश कुमार  दुबे 
गौरवांवित भारतीय
nageshdubey.blogspot.com










 


 

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