Wednesday, January 26, 2011

देश में ये रंज कैसा


देश में  ये  रंज  कैसा 

 दिल जल रहे हैं ,


जान  की  प्यासी  जान  है  जानी, 


खून  की  प्यासी  रात  है  जानी ,


डर  गई  है  हर  जान  जवानी  ,


टूट  गई  है  हर  शाख  जवानी ,


लूट  गया  आम्मने  चमन  भी  ,


जल  गया  रहम  -ए -करम  भी ,


रह  गई  बस  राख  है  ,


जल   गई  जो  खाख  है, 


रो   रहा  हर  आम है  ,


हस  रहा  जुर्म -ए -खास  है .


देस  में  ए  रंज कैसा ,


 दिल  जल  रहे  हैं .

लेखक : नागेश कुमार दुबे 
 "गर्वित भारतीय"
जय हिंद ................................  

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